गंगा घाटों की साफ - सफाई के लिए जन सहभागिता के तहत घाटों का आवंटन- सी रविशंकर, जिलाधिकारी

  कोरोना काल में लोगों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए मेला का आयोजन


जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा है कि कोविड19 को लेकर स्थिति नियंत्रण में है और प्रशासन लक्ष्य को लेकर पूरी तरह सर्तक है। उन्होने कहा कि कोरोना काल में लोगों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशासन द्वारा मेला का आयोजन किया जा रहा है,जिसमें स्वदेशी निर्मित उत्पादों को बढ़ावा दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगाघाटों की साफ-सफाई के लिए जनसहभागिता को बढ़ावा देने के दृष्टिगत कुछ घाटों को स्वयंसेवी संस्थाओं को दिया जायेगा। जिलाधिकारी बुधवार को मेला नियंत्रण भवन में पत्रकारों से वार्ता कर रहे है। उन्होेने बताया कि कोविड 19 को लेकर जिला प्रशासन आईसीएमआर के गाइडलाइन के तहत जांच एवं नियंत्रण के लिए ठोस नीति के क्रियान्वयन पर कार्य कर रहा है। प्रतिदिन दो हजार से अधिक कोविड जांच के सापेक्ष जांच रिर्पोट भी लगातार आ रही है। उन्होने कहा कि जांच रिर्पोट की प्रक्रिया भी और तेज किया जायेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि गंगाघाटों की साफ-सफाई तथा रख-रखाव के लिए जनसहभागिता को बढ़वा दिया जा रहा है। कुल 112 गगा घाटों में से कुछ प्रमुख घाटों को इच्छुक स्वयं सेवा संस्थाआंे को तीन वर्ष के लिए दिया जायेगा। संस्थाााओं को प्रशासन की ओर से गाइड लाइन दिया जायेगा। उन्होन कहा कि प्रशासन घाटांे के रख-रखाव के लिए दो से ढाई लाख रूपये देगी। उन्होने कहा कि घाटों के रख-रखाव के लिए कई संस्थाओं ने इच्छा जाहिर की है। बताया कि आवंटन की प्रक्रिया पहले आओं पहले पाओं के आधार पर पूर्ण किया जायेगा। जिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना काल में लोगों को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रशासन ने स्थानीय उत्पादों पर आधारित स्वदेशी मेला का आयोजन करने जा रही है। फिलहाल हरिद्वार शहर में तीन और रूड़की में दो स्थानों पर मेला के लिए स्थल का चयन किया गया है। इसमें दीया,लाईटें,झाॅलर,पटाखें सहित दीपावली के मौके पर उपयोग में आने वाली अन्य वस्तुओं की बिक्री की जायेगी। मेला में विदेशी सामानों पर प्रतिबंध रहेगा। उन्होने बताया कि उनका प्रयास होगा कि मेला स्थानीय उत्पाद ही बिके। अगामी 01नवम्बर से ऋषिकुल मैदान,उत्तरी हरिद्वार तथा भेल के सैक्टर चार में मेला लगाने की कार्य योजना बनाई गई है।खास बात यह है कि इसमें स्टाॅल लगाने के लिए कोई शुल्क नही लिया जायेगा। उनका प्रयास है कि लोगों को मेला के जरिये आर्थिक रूप से मजबूती मिले। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन बैंको के सम्बन्घ में शीघ्र ही एक दूरभाष नम्बर जारी करने जा रहा है,जिसके माध्यम से लोग बैंको से सम्बन्धित शिकायतें दर्ज करा सकते है। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में 53गाॅवों को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत विकसित करने का कार्य जारी है। अभी तक 20 गांवों में योजना को लागू किया जा चुका है और शेष गांवों में भी जल्दी ही योजना की शुरूआत की जायेगी। एक गांव को विकसित करने में करीब 20लाख रूपये व्यय किये जायेंगे।


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