आज जिलाधिकारी हरिद्वार ने कोविड-19 के संबंध में पत्रकारों से वार्ता की
पिछले सात-आठ महीनों में कोविड-19 के मामलों में काफी अनुभव मिले हैं, हमें आपस में अपने - अपने अनुभव सांझा करने चाहिए- जिलाधिकारी
जिलाधिकारी श्री सी0 रविशंकर ने आज मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0)हरिद्वार में कोविड-19 के सम्बन्ध में एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित किया। जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि पिछले सात-आठ महीनों में कोविड-19 के सम्बन्ध में हमें काफी अनुभव प्राप्त हुये हैं, उसी के अनुसार अब आगे की रणनीति बनाई जा रही है। हमें आपस में भी अपने-अपने अनुभव साझा करने चाहिये, जिसमें पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। जिलाधिकारी ने कहा कि हमने कोविड-19 के 2000 प्रतिदिन टेस्ट करने का लक्ष्य वर्तमान में रखा है, लेकिन जो 1500 के करीब हो पा रहे हैं। जल्दी ही हम 2000 से अधिक टेस्ट प्रतिदिन करने में समर्थ हो जायेंगे। इसके लिये प्राईवेट लैबों से भी करार किया जा रहा है। उन्होेंने कहा कि हरिद्वार काफी बड़ा जनपद है। पूर्व में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या इसी जनपद से थी, लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं तथा धीरे-धीरे स्थितियां नियंत्रण में आ रही हैं। जिलाधिकारी ने पूर्व कोविड के लक्षणों-जैसे सांस लेने में दिक्कत, डिप्रेशन, पैनिक ऐटक आदि के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक व प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि लोग जागरूक हों तथा कोविड-19 के कार्य में लगी हुई मशीनरी को सहयोग प्रदान करें। होम आईसोलेशन के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने पत्रकारों को बताया कि इस कार्य के लिये एक कण्ट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें 12 टेलीफोन नम्बर कार्य कर रहे हैं तथा इस कार्य के लिये शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गयी है। उन्होंने कहा कि होम क्वारन्टाइन में कई लोग पाॅजिटिव होने के बावजूद सहयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज की जायेगी। उन्होंन पत्रकारों को बताया कि हम घर-घर जाकर सैम्पिलिंग करना चाहते हैं, लेकिन लक्षण कम होने या जागरूकता न होने की वजह से कुछ लोग इसमें सहयोग नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के पहले लक्षण कम दिखाई देते हैं। इसमें अचानक परिवर्तन आना शुरू हो जाता है, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। यहां तक कि 24 घण्टे के अन्दर कोविड-19 से ग्रसित व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है। उन्होेने कहा कि सहयोग न देने वाले चाहे लोग हों या कितने ही बड़ा संस्थान हों कोविड-19 ऐक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जायेगी। लोगों को इस बात का ध्यान रखना चाहिये कि जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं। इस कार्य के लिये जागरूकता लाने व सहयोग देने के लिये मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जिलाधिकारी ने कहा कि लोगों के मन में कोविड-19 के प्रति जिस प्रकार का भी भय हो, चाहे-वित्तीय स्थिति खराब होने का भय, सामाजिक डर हो उसेे अपने मन से निकाल कर लोगों को टेस्टिंग के लिये आगे आना चाहिये। मशीनरी का सहयोग करना चाहिये तथा हमारा उनको पूरा सहयोग मिलेगा। पत्रकारों से जिलाधिकारी ने कहा कि आप मीडिया के माध्यम से ऐसे प्रकरण सामने लायें, जिसमें कोविड-19 से ठीक हुआ व्यक्ति अपने बारे में बताये, जिससे लोगों के मन में जो डर बैठा हुआ है, वह दूर हो तथा उन्हें सहयोग करने की प्रेरणा मिले। जिलाधिकारी ने कहा कि देहरादून में एक पिंक कोविड केयर सेण्टर स्थापित किया गया है, जिसमें केवल महिलायें एवं बच्चे ही भर्ती किये जाते हैं। यहां तक कि इस पिंक केयर सेण्टर का संचालन महिलाओं द्वारा ही किया जाता है। उन्होंने कहा कि शायद यह उत्तराखण्ड का ही नहीं बल्कि देश में अपनी तरह का पहला पिंक कोविड सेण्टर होगा। उन्होंने कहा कि आज 100 से ज्यादा कण्टेनमेंट जोन हैं। हम कण्टेनमेंट जोन को बरकरार रखे हुये हैं। उन्होंने कहा कि आगामी त्योहारों को देखते हुये हमने साप्ताहिक बन्दी स्थगित कर दी है। पुलिस व अन्य बलों की तैनाती भीड़भाड़ वाले इलाकों में कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि हम जल्द ही सिविल डिफेंस की सेवायें भी कोविड-19 के कार्य के लिये लेने जा रहे हैं, जिससे जागरूकता आदि में काफी सुधार आयेगा। स्कूलों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि आॅन लाइन कक्षायें यथावत चलती रहेंगी। पत्रकारों के प्रश्न शहर में कोविड-19 का उल्लंघन करते हुये ट्यूशन कक्षायें चल रही हैं, के उत्तर में जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। मुख्य चिकित्साधिकारी श्री एस0 के0 झा ने भी कोविड-19 के लक्षणों एवं इसकी रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों तथा जनता द्वारा क्या-क्या ऐहतियात बरता जाना चाहिये, के बारे में विस्तृत जानकारी पत्रकारों को दी। ..........................