मकान मालिक - किरायेदारों की दबंगई का दौर खत्म, अगले 1 महीने में मिलेगी आदर्श किराया कानून की मंजूरी

कलेक्टर होंगे किरायाधिकारी नियुक्त



मकान मालिक-किराएदारों की दबंगई का दौर खत्म! 1 माह में इस कानून को मिलेगी मंजूरी, अगर सबकुछ ठीक रहा तो केंद्र सरकार अगले एक महीने में आदर्श किराया कानून को मंजूरी दे देगी. इस कानून के लागू होने के बाद किराएदार या मकान मालिक, दोनों की ही दबंगई पर रोक लगने की उम्मीद है. आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा के मुताबिक अगले एक महीने में कानून को मंजूरी के बाद इसे राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को भेजा जाएगा, ताकि राज्य इसके आधार पर अपने राज्यों में कानून बनाकर उसे अमल में ला सकें. राज्यों के द्वारा अगले एक वर्ष में आवश्यक कानून पारित करा लिये जाने की उम्मीद है.   सचिव ने कहा कि विभिन्न राज्यों में वर्तमान किराया कानून किराएदारों के हितों की रक्षा के हिसाब से बनाये गये हैं.  साल 2011 की जनगणना के अनुसार 1.1 करोड़ घर खाली पड़े हैं, क्योंकि लोग उन्हें किराये पर देने से डरते हैं.  लेकिन अब हम सुनिश्चित करेंगे कि एक वर्ष के भीतर हर राज्य इस आदर्श कानून को लागू करने के लिये जरूरी प्रावधान करें.    उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि इस कानून के लागू होने के बाद खाली फ्लैटों में से 60-80 प्रतिशत किराए के बाजार में आ जायेंगे. ’’ उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट डेवलपर्स अपने नहीं बिक पाए आवासों को किराए के आवास में भी बदल सकते हैं.    आपको बता दें कि सरकार ने जुलाई 2019 में आदर्श किराया कानून का मसौदा जारी किया था, जिसमें प्रस्ताव था कि किराए में संशोधन करने से तीन महीने पहले भूस्वामियों को लिखित में नोटिस देना होगा.  इसमें जिला कलेक्टर को किराया अधिकारी के रूप में नियुक्त करने और किरायेदारों पर समय से अधिक रहने की स्थिति में भारी जुर्माना लगाने की वकालत की गयी है(आत)


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