विज्ञान और भागवत ज्ञान

 



ऑनलाइन  दिया जा रहा  विज्ञान के साथ  भागवत ज्ञान 


करोना वायरस के कारण  लॉकडाउन की अवधि में  जहां एक ओर उच्च शिक्षा आयोग के द्वारा निर्देशित सभी कालेजों और स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है वहीं चिन्मय डिग्री कॉलेज में विषय संबंध ऑनलाइन कक्षाओं के उपरांत ज़ूम एप्प  के द्वारा मोटिवेशन सीरीज चलाई जा रही है जिसके तहत जिनमें  चिन्मय  मिशन के प्रबुद्ध संत एवं मैनेजिंग कमेटी से जुड़े गणमान्य लोग अपने विचार सांझा करते हैं .इन कक्षाओं में  निस्वार्थ भाव से कार्यकर्ता के रूप में अध्यापक कक्षा लेते हैं  और विद्यार्थी इन कक्षाओं में प्रतिभाग करते हैं जिनका उद्देश्य मानवीय एवं राष्ट्रीय मूल्यों पर प्रेम जगाना है.
             इसी श्रृंखला में आज कमांडर आमोद चौधरी द्वारा उनकी एंटार्कटिका महाद्वीप की यात्रा के कुछ अंश साझा किए गए. कॉलेज स्टाफ और मैनेजिंग कमेटी के सदस्य इसमें शामिल हुए 
              कमांडर आमोद चौधरी में बताया कि भारत का किस तरह नाम ऊंचा हुआ जब अंटार्टिका में पहला स्टेशन स्थापित किया गया था इसमें भारतीय सेना की तीनों इकाइयों एयर फोर्स, आर्मी और नेवी का सहयोग रहता है .किन चुनौतियों से उनको गुजारना पड़ता है उस महाद्वीप तक पहुंचने के लिए - उन सब का सारांश कमांडर चौधरी ने दिया     
    चिन्मय एजुकेशन सोसायटी के सेक्रेटरी इंदु मल्होत्रा ने कहा कि   लॉक डाउन के दौरान आइसोलेशन एक वरदान के रूप में सामने आ रहा है उन्होंने कहा कि हमें घर बैठे ऑनलाइन वीडियो द्वारा फील्ड एक्सपर्ट से साक्षात्कार करने का मौका मिल पा रहा है . मैनेजिंग कमेटी के चेयरमैन कर्नल राकेश सचदेवा ने भी आश्वासन दिया कि हर दिन कुछ ना कुछ नया अध्यापकों और विद्यार्थियों के लिए ज़ूम के द्वारा देने का प्रयास किया जाएगा.. आध्यात्मिक चेतना सत्र के तहत स्वामी देवआत्मानंद द्वारा प्रतिदिन  कक्षा शुुरू होने से पूर्व भगवत गीता का 20 मिनट उच्चारण किया जाता है जिसे सभी घर बैठे ऑनलाइन सुनकर अभ्यास करते हैं.


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